पाकिस्तान का CNIC: एक कार्ड जिसके बिना वहाँ इंसान ज़िंदा नहीं माना जाता
कल्पना
कीजिए एक ऐसी दुनिया की जहाँ एक प्लास्टिक का छोटा सा कार्ड आपकी पूरी ज़िंदगी को
नियंत्रित करता हो। जहाँ इस कार्ड के बिना आप न बैंक खाता खोल सकें, न फ़ोन का SIM
ले सकें, न वोट दे सकें, और न ही अपने देश में कहीं यात्रा कर सकें। यह कोई काल्पनिक डायस्टोपिया
नहीं है — यह पाकिस्तान की ज़मीनी हकीकत है।
पाकिस्तान
का CNIC
(Computerized National Identity Card) दुनिया के सबसे
व्यापक और गहराई तक पहुँचने वाले पहचान पत्र सिस्टम में से एक है। 24 करोड़ से ज़्यादा की आबादी वाले इस देश में CNIC सिर्फ
एक पहचान पत्र नहीं है — यह एक नागरिक के अस्तित्व का प्रमाण है।
आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह कार्ड क्या है, यह कैसे काम करता है और वहां की जनता के लिए यह "जीवन और मृत्यु" का प्रश्न क्यों है।
🧪 CNIC क्या है?
CNIC का
पूर्ण रूप Computerized National Identity Card है। पाकिस्तान में 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही
प्रत्येक नागरिक के लिए यह कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
साल 2000 में पाकिस्तान ने अपने पुराने कागजी
पहचान पत्रों को डिजिटल करने के लिए NADRA की स्थापना की थी।
आज NADRA के पास पाकिस्तान के 98% से
अधिक वयस्कों का बायोमेट्रिक डेटा (आंखों की पुतलियों और उंगलियों के निशान) मौजूद
है।
वह 13 अंकों का
"जादुई" नंबर
हर CNIC पर
13 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है (जैसे: 12101-1234567-1)। यह नंबर रैंडम नहीं
होता, बल्कि इसमें व्यक्ति की पूरी कुंडली छिपी होती है:
1. पहला भाग (5 अंक): यह व्यक्ति के पते और इलाके को
दर्शाता है।
a)
पहला अंक प्रांत बताता है: 1 (खैबर
पख्तूनख्वा), 2 (FATA), 3 (पंजाब), 4 (सिंध), 5 (बलोचिस्तान), 6
(इस्लामाबाद), 7 (गिलगित-बाल्टिस्तान)।
2.
दूसरा
भाग (7 अंक): यह पारिवारिक वंशावली (Family Tree) का कोड है।
इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति किस
परिवार का हिस्सा है और उसका मुखिया कौन है।
3. तीसरा भाग (1 अंक): यह लिंग (Gender) की पहचान
है।
a)
विषम संख्या (1, 3, 5, 7,
9) = पुरुष।
b)
सम संख्या (2, 4, 6, 8) = महिला।
(ट्रांसजेंडर्स के लिए अब
अलग श्रेणी बनाई गई है, लेकिन वे भी इसी लॉजिक के तहत आते हैं).
"इसके बिना
इंसान ज़िंदा नहीं" – ऐसा क्यों कहा जाता है?
पाकिस्तान में "सिविल डेथ" (नागरिक मृत्यु) एक
वास्तविक डर है। यदि किसी का CNIC ब्लॉक हो जाए या न बना हो, तो उसका जीवन पूरी तरह ठप हो जाता है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
A. आर्थिक नाकेबंदी (Financial Blockade)
पाकिस्तान में बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह CNIC से
जुड़ा है।
·
बिना CNIC के आप बैंक खाता नहीं खोल
सकते।
·
एटीएम (ATM) कार्ड जारी नहीं हो सकता।
·
आप शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकते।
·
यहाँ तक कि पश्चिमी यूनियन (Western Union) या अन्य माध्यमों से विदेश से पैसा मंगाना भी नामुमकिन है।
B. मोबाइल और संचार (SIM Card &
Communication)
आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने
दुनिया के सबसे सख्त सिम कार्ड नियमों में से एक लागू किया है।
·
सिम कार्ड खरीदने के लिए आपको अपना अंगूठा
स्कैन करना होता है।
·
यह अंगूठा रीयल-टाइम में NADRA के
डेटाबेस से मैच होता है। यदि आपके पास CNIC नहीं है, या आपका बायोमेट्रिक मैच नहीं होता, तो आपको मोबाइल
नंबर नहीं मिलेगा।
C. संपत्ति और यात्रा (Assets & Travel)
·
जायदाद: बिना इस कार्ड के आप
पाकिस्तान में एक इंच ज़मीन, घर या दुकान अपने नाम नहीं करवा सकते।
·
वाहन: कार या मोटरसाइकिल
खरीदना और उसका रजिस्ट्रेशन कराना असंभव है।
·
पासपोर्ट: पासपोर्ट बनवाने की
पहली शर्त CNIC है। इसके बिना आप देश छोड़ भी नहीं सकते।
D. बुनियादी अधिकार और सरकारी
मदद
·
वोट: चुनाव में वोट डालने
के लिए CNIC
दिखाना अनिवार्य है।
·
अस्पताल और स्कूल: सरकारी अस्पतालों
में मुफ्त इलाज और बच्चों के स्कूल में दाखिले के लिए माता-पिता का CNIC ज़रूरी
होता है।
·
राशन और सब्सिडी: रमज़ान के दौरान
सस्ता आटा हो या 'बेनज़ीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम' के तहत मिलने वाले पैसे, सब कुछ इसी कार्ड से लिंक
है।
सुरक्षा का पहलू (Security Aspect)
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद और अवैध
प्रवासियों (विशेषकर अफगान शरणार्थियों) की समस्या से जूझ रहा है।
·
पुलिस चेकपोस्ट या नाके पर अगर किसी व्यक्ति
के पास CNIC
नहीं मिलता, तो उसे तुरंत संदिग्ध मान लिया
जाता है और जेल भेजा जा सकता है।
·
होटल में कमरा लेने के लिए भी इसकी कॉपी देना
अनिवार्य है।
स्मार्ट कार्ड (SNIC) की क्रांति
अब पाकिस्तान साधारण CNIC से
आगे बढ़कर SNIC (Smart National Identity Card) की तरफ बढ़
गया है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है (जैसे क्रेडिट कार्ड में होती है)।
इस चिप में व्यक्ति का पूरा डेटा
सुरक्षित होता है। भविष्य में इस एक कार्ड को ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम
कार्ड और स्वास्थ्य बीमा कार्ड के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान का CNIC सिस्टम
यह साबित करता है कि कैसे टेक्नोलॉजी किसी देश की शासन व्यवस्था को ⚠️बदल सकती है। जहाँ इसने अपराध और
आतंकवाद को ट्रैक करने में मदद की है, वहीं इसने आम आदमी की ज़िंदगी
को कार्ड के एक टुकड़े पर निर्भर बना दिया है। यही कारण है कि वहां कहा जाता है – "सांसें
तो ऊपर वाले की देन हैं, लेकिन पाकिस्तान में ज़िंदा रहने का
सबूत NADRA देता है।"
⚠️यह लेख
पाकिस्तान के CNIC system का एक छोटा सा
विश्लेषण है। इसका उद्देश्य जानकारी देना है, न कि किसी political
stance को promote करना।



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